सोमवार, 29 अगस्त 2011

..पिक्चर अभी बाकी है दोस्त

सत्यजीत चौधरी, 
   अभी तो ली अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। यह नारा दिया जनलोकपाल बिल के लिए 288 घंटे अनशन पर रहने के बाद अन्ना हजारे ने। अन्ना ने साफ कर दिया है कि आम जनता जिस दर्द को सहन कर रही है, वह उस दर्द को खत्म करने के लिए जीवन भर लड़ाई लड़ेंगे। फिर चाहे लाठियां खानी पड़ें या फिर जेल जाना पड़ा।
    अन्ना ने इस लड़ाई की लगभग समाप्ति के साथ ही अब एक और संघर्ष की बुनियाद रख दी है। अपनी जनता जनार्दन के सामने ही उन्होंने साफ कर दिया है कि अब हमें अपने नेता को चुनने के साथ ही उसे काम न करने पर हटाने का भी अधिकार चाहिए। अन्ना की इस जंग के लिए भी उनकी जनता ने सुर में सुर मिलाए।
     जन लोकपाल बिल की लड़ाई लड़ने वाले अन्ना हजारे ने रविवार को अगली जंग का भी ऐलान कर दिया। कहा कि उन्होंने अनशन अभी छोड़ा नहीं है। यह केवल स्थगित हुआ है। अब वे राइट टू रिकॉल की लड़ाई लडेंगे। उन्होंने कहा कि देश के चुनाव तंत्र में बदलाव होना चाहिए। जनता को नेता के चयन के अधिकार की तरह ही नेता को खारिज करने का अधिकार भी मिलना चाहिए। उसे उम्मीदवार को वापस बुलाने का अधिकार मिलना चाहिए। नापसंदगी के विकल्प पर सबसे ज्यादा वोट आने पर दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए। साथ ही लोगों को चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का हक मिलना चाहिए। उत्साह से लबरेज अन्ना हजारे ने साफ कर दिया है कि एक ही जगह सत्ता होने की वजह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।

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