सोमवार, 2 जनवरी 2012

भाजपा की दूसरी सूची में रिश्ते-नातों का खास ख्याल

सत्यजीत चौधरी 
राजनीति में सब जायज है। अब बात अगर रिश्तों नातों की हो और टिकट न मिले तो बात ही क्या। बाबू सिंह कुशवाहा को लेकर अपनी किरकिरी करा चुकी भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी सूची में रिश्तों नातों को वरीयता दी है। पार्टी में अपनी सेवाएं दे चुके कई पुराने नेताओं के परिजनों को भी टिकट देते समय ध्यान में रखा गया है तो दूसरी ओर कई दूसरी पार्टियों के पुराने दिगगजों को भी । फिलहाल सूची को लेकर एक बार फिर गहमागहमी का हाल पैदा हो गया है। खास बात यह है कि अपनी सूची को लेकर उत्तराखंड में पहले ही भाजपा किरकिरी करा चुकी है।
उत्तर प्रदेश के चुनावी महासंग्राम में एक बार फिर भाजपा ने अपने पुराने रिश्तों को नया रंग दिया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुक्रवार को जारी की गई 46 प्रत्याशियों की सूची का गहराई से अध्य्यन करें तो कई नए मोड सामने आते हैं। दरअसल पार्टी ने जिन प्रत्याशियों का टिकट दिए हैं, उनमें से ज्यादातर का कोई न कोई राजनीतिक कनेक्शन सामने आ रहा है। मसलन, बालामऊ की आरक्षित सीट पर राजकिशोर वर्मा को टिकट मिला है जो कि भाजपा के राष्टÑीय प्रवक्ता रामनाथ कोविंद के दामाद हैं। लखनऊ उत्तर से गोपाल टंडन को भाजपा ने टिकट दिया है जो कि सांसद लालजी टंडर के पुत्र हैं। निजामाबाद से पार्टी ने रंजना यादव को टिकट दिया है जो कि पार्टी से आजमगढ़ के सांसद रमाकांत यादव की पत्नी हैं। उनके पुत्र अर्जुन यादव को भी जलालपुर से टिकट पक्का हो गया है। गोपालपुर से योगेंद्र यादव को पार्टी टिकट मिला है जो कि सांसद रमाकांत यादव के रिश्तेदार हैं।
दीदारगंज से श्याम सुंदर चौहान को पार्टी टिकट मिला है जो कि रमाकांत यादव के काफी करीबी कहे जाते हैं। मऊ से पूर्व एमएलसी रामजी सिंह के बेटे अरिजीत सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है। फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक वह दो दिन पहले ही भाजपा ज्वाइन करने वाले जोखूलाल यादव को पार्टी ने टिकट दिया है। कुछ हफ्ते पहले ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में एंट्री करने वाले संगीत सिंह सोम को भी पार्टी ने सरधना से टिकट दे दिया है। पार्टी ने अपने कुछ पुराने चेहरों को भी एक बार फिर आजमाने का मौका दिया है। इनमें पश्चिमी लखनऊ से सुरेश श्रीवास्तव, केंद्रीय लखनऊ से विद्यासागर गुप्ता और लखनऊ कैंट से सुरेश तिवारी के नाम प्रमुख हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस बार भाजपा ने दूसरी सूची जारी करने के लिए काफी शोध करने के बाद नामों को अंतिम रूप दिया है। एक दिन पहले ही बाबू सिंह कुशवाहा और मायावती मंत्रिमंडल के दूसरे कई नेताओं के बर्खास्त होने और भाजपा में उनको एंट्री मिलने पर खुद राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ ने भी सख्त ऐतराज जताया था। इस बार की सूची में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने काफी सर्वेक्षण किया है जो कि सूची में जाहिर भी हो रहा है।

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