सोमवार, 2 जनवरी 2012

विवाद, हाजी याकूब और दल बदलू राजनीति

सत्यजीत चौधरी
    कुरैशी बिरादरी में एक अलग ही शान रखने वाले हाजी याकूब कुरैशी का राजनीतिक कैरियर हमेशा से ही विवादों से घिरा हुआ रहा है। पहले मोहम्मद साहब का कार्टून बनाने वाले का सिर कलम करने पर ईमान देने का बयान आने के बाद पिछले साल एक बार फिर सिख समुदाय को लेकर उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस टिप्पणी ने उन्हें बसपा से बाहर कर दिया। राजनीतिक मंच की तलाश में जुटे रहे हाजी याकूब ने पहले अपने बेटे इमरान को रालोद में जगह दिलाई। रिश्तों में मधुरता आने के साथ ही चुनाव से ऐन वक्त पहले हाजी याकूब ने अब अपने साथ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रालोद ज्वाइन कर ली है। इससे मेरठ की राजनीति में एक अलग भूचाल आने के साथ ही मायावती के लिए इसे एक बड़े झटके के तौर पर भी  देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश चुनाव में लगातार नए-नए समीकरण सामने आते रहे हैं। ताजा समीकरण सामने आया है बसपा के पूर्व विधायक व मंत्री रहे हाजी याकूब कुरैशी का। सोमवार को वह अपने पूरे दल के साथ अजित सिंह व मथुरा के सांसद व रालोद प्रमुख माननीय जयंत चौधरी जी की मौजूद्गी में रालोद में शामिल हो गए। 2006 में बसपा में शामिल होकर यूपी में मंत्री बनने वाले हाजी याकूब ने बाद में अपना अलग दल यूडीएफ बनाया। इस दल के मार्फत वह चुनाव लड़े और उनका कहना है कि उन्हें तकरीबन ढ़ाई फीसदी वोट मिले। मेरठ में कमेले को लेकर चल रही राजनीति में पेश—पेश रहने वाले याकूब कुरैशी ने बाद में फिर हाथी की सवारी कर ली, लेकिन पिछले साल सिख समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बसपा ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हाल में मेरठ में स्वामिमान रैली के माध्यम से अपने बेटे इमरान की रालोद में एंट्री कराई थी। रालोद में शामिल होने के मौके पर हाजी याकूब कुरैशी ने कहा कि हमारे आने से रालोद मजबूत होगी। इसका फायदा मुस्लिमों और किसानों को मिलेगा। इस मौके पर रालोद प्रमुख चौ. अजित सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए घोषित हुए साढ़े चार फीसदी आरक्षण को वह आठ फीसदी कराने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर हाजी याकूब के साथ ही बसपा के पूर्व महापौर अय्यूब अंसारी, हाजी मोहम्मद शाहिद अब्बासी पार्षद, सलीम मलिक, शहजार अब्बासी, हाजी सईद सैफी, कुंवर चांद खां आदि मौजूद रहे। आपको बता दें कि हाजी याकूब कुरैशी ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत नगर पालिका के चुनाव से की थी। इसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट पर मेरठ के खरखौदा से चुनाव लड़ा था। इस बीच कभी  कमेले के विवाद तो क•ाी अपने बेतुकी बयानबाजी को लेकर वह राष्टÑीय स्तर पर लाइमलाइट में रहते आए हैं। फिलहाल एक बार फिर वह अपने दल बल के साथ रालोद में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

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