गुरुवार, 13 मार्च 2014

अमर सिंह ने बिगाड़ा यूपी में समीकरण

चौधरी अजित सिंह की राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) में हाल ही में शामिल हुए अमर सिंह और जया प्रदा ने न सिर्फ राजनीति के जानकारों को हैरान कर दिया, बल्कि यहां से लोकसभा चुनाव की दौड़ में शामिल कई बड़ी पार्टियों की रणनीति और समीकरण को बिगाड़ दिया है। जय प्रदा बिजनौर और अमर फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाएंगे। फतेहपुर सीकरी सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य अरिंदम सिंह की पत्नी पक्षलिका सिंह, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को टिकट दिया है। सीमा फतेहपुर सीकरी से निवर्तमान सांसद है। उन्होंने कांग्रेस के राज बब्बर को हराया था। बब्बर ने हालांकि, फिरोजाबाद उपचुनाव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अभी इस पर उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। हालांकि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह, अभिनेता सन्नी देओल, बाबू लाल चौधरी, केशव दीक्षित के नाम पर चर्चा चल रही है।

मंगलवार, 11 मार्च 2014

’हरियाणा से खास मुलाकातें’ का विमोचन

    
     हरियाणा की राजनीति, साहित्य, संस्कृति, कला, खेल और प्रशासन से जुड़ी हस्तियों से रूबरू कराती दैनिक हरिभूमि के संपादक ओमकार चौधरी की आठवीं पुस्तक ‘हरियाणा से खास मुलाकातें’ का रविवार को विमोचन किया गया। पं. नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय के ओपन थियेटर में हरिभूमि के पांचवें कवि सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव कैप्टन अभिमन्यु, कवि डॉ. हरिओम पंवार, अरूण जैमिनी, सुनील जोगी, ममता शर्मा, नवाज देवबंदी और कौटिल्य पंडित के हाथों पुस्तक का लोकार्पण हुआ।

रविवार, 9 मार्च 2014

पनडुब्बी, पोत निर्माण में भारत को होना होगा आत्मनिर्भर

सत्यजीत चौधरी
मौजूदा दौर में भारतीय नौसेना अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले एक साल में नौसेना की पनडुब्बियों और युद्धक पोतों में दस से ज्यादा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई अफसरों और नौसैनिकों को जान गंवानी पड़ी। पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न हादसे के फौरन बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी को नैतिक रूप से जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। आईएनएस कोलकाता में दुर्घटना के ताजा मामले के बाद भाजपा ने रक्षा मंत्री एके एंटनी से त्यागपत्र की मांग रख दी। 

सोमवार, 3 मार्च 2014

रावत कि कच्ची राह

सत्यजीत चौधरी 
  उत्तराखंड में हरीश रावत को विरासत में जो सत्ता मिली है, उसकी चूलें हिली हुई हैं। सरकार की छवि पर डेंट पड़ा हुआ है, उसे रिपेयर करना है। नौकरशाहों में विश्वास बहाली कर उन्हें ठप पड़े विकास कार्यों से जोडऩा है। नाराज मीडिया को मनाना है, ताकि सही सूचना शासन तक पहुंच सके। इनमें सबसे बड़ा काम है, प्राकृतिक आपदा के बाद उपेक्षा की शिकार जनता को यह समझाना कि अब उसके साथ न्याय नहीं होगा। इन सबसे ऊपर है लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करना। रेत घड़ी तेजी से सरक रही है और हरीश रावत जानते हैं कि उन्हें बिना रुके अनथक काम करना होगा, वरना जिस चुनावी मिशन पर उन्हें उत्तराखंड भेजा गया है, वह धरा रह जाएगा।
   इन तमाम चुनौतियों के साथ उन्हें पार्टी के भीतर खेमेबाजी से निपटना है। कहते हैं कि सबको खुश करना नामुमकिन है, लेकिन हरीश रावत को यह असंभव काम भी कर दिखाना है।
    हरीश कड़े फैसले ले रहे हैं और जनता तक सीधी पहुंच बनाने के लिए ग्रास रूट तक जा रहे हैं। शायद यही वजह है कि लोगों को उनमें नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल का फ्यूजन नजर आ रहा है। हरीश रावत की जद्दोजहद प्रदेश की राजनीति में क्या असर डालेगी, विपक्ष भी इसके इंतजार में है।

आतंक का राजनीतिकरण

सत्यजीत चौधरी 
   राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा माफ किए जाने के फौरन बाद सभी दोषियों की रिहाई के बारे में तमिलनाडु सरकार के अप्रत्याशित और त्वरित फैसले के एलान पर केंद्र में कांग्रेसनीत सरकार और कांग्रेस पार्टी की तरफ से दो मार्मिक बयान आए। पहला बयान एक बेटे का था तो दूसरा देश के प्रधानमंत्री का। अमेठी का दौरा कर रहे कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी जब पूरब गांव में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो उनके पीएस ने जयललिता की घोषणा के बारे में उनको सूचना दी। राहुल खुद को रोक नहीं सके। दिल की बात जनता के सामने रख दी। कहा, मेरे पिता जी की हत्या हुई थी। उन्होंने देश के लिए जान दी थी। हमारे पिता या परिवार की बात नहीं है ।देश की बात है ,अगर कोई आदमी प्रधानमंत्री की हत्या कर दे और उसे छोड़ दिया जाए जिस देश में प्रधानमंत्री के हत्यारों को छोड़ दिया जाता है, उसमें आम आदमी को न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है सोचने की बात है। मेरे पिता के हत्यारे छोड़े जा रहे और मैं निराश हूं।