मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

सात समंदर पार भी मेरठ की खुशबू का अहसास

सत्यजीत चौधरी
 एक हस्तिनापुर मेरठ में बसता है जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में अंकित है और एक हस्तिनापुर सात समंदर पार भी बसता है, जहां की खुशबू और भारतीय अंदाज बरबस ही लोगों को अपना दीवाना बना लेता है। यहां न केवल भारतीय देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, बल्कि 12 एकड़ में बने इस हस्तिनापुर में हर रोज माहौल भक्तिमय होता है।
    यहां एक दर्जन से ज्यादा भारतीय देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के साथ ही अर्जेटीना के भी कई देवी- देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। खास बात यह है कि वहां भी भगवान गणोश, कृष्ण, सूर्य, नारायण और शिव की प्रतिमाओं के लिए अलग से मंदिरों का निर्माण किया गया है। चूंकि यह हस्तिनापुर है, इसलिए यहां भी पांडवों के मंदिर मौजूद हैं।
चिड़ियों की चहचहाहट के बीच जब भजनों की आवाज आती है तो बरबस ही भारतभूमि की याद आ जाती है।
भारतीय भक्ति और यहां की जनता के अटूट विश्वास की झलक भी अर्जेटीना के हस्तिनापुर में दिखाई देती है। सप्ताह के अंत में अर्जेटीनावासियों की भी भारी भीड़ जुटती है। वहां के बाशिंदों ने इस स्थान का नाम सिटी ऑफ विजडम रख दिया है। मेरठ के हस्तिनापुर से इतर अर्जेटीना के इस हस्तिनापुर ने काफी हद तक अर्जेटीनावासियों को भारतीय परंपराओं के करीब ला दिया है। बताया जाता है कि अब अर्जेटीना के लोग भी भारतीय दर्शन को तलाशने के लिए पुस्तकालयों के चक्कर काटते हैं।
इस खूबसूरत स्थान के बारे में एक बात और प्रसिद्ध है कि इस हस्तिनापुर के संस्थापक इसको बेवजह मशहूर करना नहीं चाहते हैं। इस वजह से वह केवल शांति और भक्ति में ही यकीन करते हैं। अर्जेटीना में काम करने वाले कंपनियों के प्रबंधक, इंजीनियर और प्रोफेसर तक इस हस्तिनापुर से जुड़े हुए हैं।

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