गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

करतार सिंह भड़ाना ने भी थामा रालोद का दामन

   उत्तर प्रदेश विधानसभा  के अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए राष्टÑीय लोकदल के प्रमुख चौधरी अजित सिंह पार्टी की राजनीतिक ताकत बढ़ाने की मुहिम को तेज करने में जुट गये हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को भाजपा सपा और बसपा का राजनीति सफर करते हुए करतार सिंह भड़ाना ने अब सैकड़ो समर्थकों और बसपा कार्यकर्ताओं के साथ राष्टÑीय लोकदल का दामन थाम लिया है।  

       राष्टÑीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा  के अगले साल होने वाले चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत को मजबूत करने का अ•िायान चलाया हुआ है, जिसमें रालोद ने जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए छोटे दलों से गठजोड़ किया है, वहीं उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल बसपा में भी  सेंध लगाने का सिलसिला जारी किया हुआ है। गुरुवार को बसपा को अलविदा कहने और रालोद का दामन थामने अपने हजारों समर्थकों के साथ को रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के सरकारी आवास पर पहुंचे करतार सिंह भड़ाना ने गांव, गरीब, किसान, मजदूर और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए रालोद की नीतियों में आस्था व्यक्त की। रालोद प्रमुख के आवास पर आयोजित स•ाा में बसपा छोडकर रालोद में शामिल हुए करतार सिंह •ाड़ाना और उनके समर्थकों का स्वागत करते हुए रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने कहा कि पार्टी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन सोच और जनहित के मुद्दे नहीं बदलने चाहिए। करतार सिंह •ाड़ाना ने अपनी सोच और मुद्दे नहीं बदले, जिसके कारण उन्होंने •ााजपा, सपा और बसपा को छोड़कर रालोद में शामिल होने का फैसला किया। रालोद और अवतार सिंह •ाड़ाना गांव, गरीब, किसान और मजदूरों के हितों और उनके सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। करतार सिंह •ाड़ाना के रालोद में शामिल होने से निश्चित रूप से रालोद की ताकत बढ़ेगी, जिसके कारण यूपी में आगामी चुनाव में उसका मुकाबला बसपा से ही होगा। उन्होने कहा कि करतार सिंह भड़ाना के उनके साथ आने से खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों, गरीबों और मजदूरों के हितों की लड़ाई को ताकत मिलेगी। उन्होंने अण्णा हजारे की मुहिम को भी  समर्थन देते हुए कहा कि उनका संदेश भी रालोद के जरिए जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। करतार सिंह भड़ाना के साथ रालोद में शामिल हुए 350 लोगों की सूची में उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के बसपा कार्यकर्ता और समर्थक शामिल है, जिनमें जिला स्तर के बसपा पदाधिकारी, सरपंच, ग्राम प्रधान और अन्य पदाधिकारी भी  रालोद में आस्था जता रहे हैं। रालोद में शामिल होने की घोषणा करते हुए करतार सिंह •ाड़ाना ने कहा कि उन्हें  अभी  तक किसी राजनीतिक दल में ऐसा मंच नहीं मिला जिन मुद्दों पर वह जनता के सम्मान के लिए संघर्ष कर सके। गरीबो, किसानों और मजदूरों की लड़ाई के लिए रालोद ही एक ऐसा राजनीतिक मंच है जहां उन्हें और उनके हर समर्थक  को सम्मान मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह के नेतृत्व में देश में •ा्रष्टाचार के खिलाफ •ाी लड़ाई लड़ने में मदद मिलेगी। इस मौके पर रालोद के सांसद संजय सिंह चौहान, पूर्व सांसद अनुराधा चौधरी व मुंशीराम पाल, राष्टÑीय महासचिव महेन्द्र सिंह यादव •ाी मौजूद थे। इससे पहले भी  बसपा और सपा के सैकड़ो कार्यकर्ता रालोद में शामिल हो चुके हैं। रालोद ने यूपी चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाने की मुहिम को तेज कर रखा है।

भड़ाना का राजनीतिक सफर
रालोद में शामिल हुए करतार सिंह भड़ाना ने वर्ष 1996 में पहली बार हरियाणा में विधानस•ाा चुनाव जीता और वर्ष 1996 से 2004 तक हरियाणा में बंसीलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। इसके बाद •ााजपा के टिकट पर उन्होंने राजस्थान की दौसा सीट पर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन राजस्थान में गुर्जरों के आरक्षण आंदोलन के कारण उन्हें भाजपा को छोड़ना पड़ा और गरीबों व किसानों के हितों की लड़ाई में जुट गये और बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये, लेकिन सपा ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो उन्होंने बिजनौर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। उसके बाद करतार सिंह भड़ाना ने बसपा का दामन थामा और हरियाणा में बसपा नेता के रूप में गरीब और किसानों के हितों के लिए संघर्ष किया, लेकिन बसपा में भी उन्हें सम्मान नहीं दिखा तो उन्होंन गरीब और किसानों के हितों के लिए चौधरी चरण सिंह की नीतियों पर विश्वास करते हुए चौधरी अजित सिंह के नेतृत्व वाली राष्टÑीय लोकदल में शामिल होने का फैसला किया।

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