सत्यजीत चौधरी,
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजों में दो राज्यों में महिलाओं का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी तो तमिलनाडु में जयललिता सीएम की कुर्सी की प्रबल दावेदार है। इस तरह, देश के चार राज्यों की कमान महिलाओं के हाथ में होगी।
राजनीति में महिला सशक्तिकरण का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है। राष्टपति जैसे सर्वोच्च संबैधानिक पद पर पहले से ही प्रतिभा पाटिल विराजमान हैं। देश के सबसे बड़े राजनीति दल कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी भी महिला हैं। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की कमान मायावती के पास है। देश के दिल दिल्ली को शीला दीक्षित 12 साल से संभाल रही हैं।
- -महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कायम हुई मिसाल
- -देश में एक नए बदलाव की बयार लेकर आया है विधानसभा चुनाव
पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी की चुनावी जीत को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उनके नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने 34 साल से सत्तारूढ़ लेफ्ट फ्रंट राइटर्स बिल्डिंग से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ममता ने कांग्रेस से मत•ोद के बाद करीब एक दशक पहले अपनी अलग पार्टी बना ली थी। बाद में वह माकपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में सामने आई। इस बार के चुनाव में ममता की लहर थी, जिसने वाम दलों के इस गढ़ को ढ़हा दिया। उधर, तमिलनाडु में जयललिता की पार्टी ने भी दो संसदीय चुनावों और पिछले विधानसभा चुनाव में द्रमुक से पिछड़ने के बाद इस बार बेहतरीन प्रर्दशन किया। जयललिता का एकमात्र लक्ष्य था द्रमुक के परिवारवाद को धूल चटाना और वह कामयाब रहीं। आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी थीं। 1960 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाली सुचेता के शासन को लोग आज भी याद करते हैं। उड़ीसा में कांग्रेस की नंदिनी सत्पथी मुख्यमंत्री बनीं। 1970 के दशक में महाराष्टवादी गोमांतक पार्टी की काकड़कर केंद शासित गोवा की मुख्यमंत्री बनीं। असम में 1980 के दशक में अनवरा तैमूर करीब एक साल तक मुख्यमंत्री रहीं। उसी दशक में तमिलनाडु में दिवंगत एमजी रामचंदन की पी जानकी रामचंदन मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन उनका कार्यकाल एक महीने से भी कम का रहा। मायावती उत्तर प्रदेश की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, जबकि सुषमा स्वराज करीब चार महीने तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। पंजाब में राजिन्दर कर •ाट्टल, मध्य प्रदेश में उमा भारती के अलावा बिहार में लालू प्रसाद की धर्मपत्नी राबड़ी देवी भी मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उधर, राजस्थान में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री का पद संभाल चुकी हैं।
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