सोमवार, 29 अगस्त 2011

शहद, नारियल पानी और संदेश ............

सत्यजीत चौधरी, 
   अन्ना हजारे ने जब अनशन शुरू किया तो तभी से उन पर कई प्रकार के आरोप लगते रहे।किसी ने उन पर संघ के साथ मिलने का आरोप लगाया तो किसी ने मुस्लिम विरोधी होने का। इस बीच अड़िग अन्ना भी बेलौस तरीके से अनशन पर कायम रहे। जब मौका आया तो अन्ना ने अनशन तोड़ने के साथ ही पूरे समाज और अपने विरोधियों को एक ऐसा संदेश दिया, जिससे वह नि:शब्द हो गए। अन्ना ने 13वें दिन की सुबह जब भारी हुजूम के बीच अपना अनशन तोड़ा तो एक नए इतिहास की शुरुआत हो गई। अन्ना ने दिखा दिया है कि वह जनता के सेवक हैं, हिंदुस्तानियों के सेवक हैं।

    सुबह भारी भीड़ और अन्ना की जय जयकार के बीच जब अनशन तोड़ने की बारी आई तो सबकी निगाहें उस शख्सियत पर थी जो कि अन्ना को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाए। अन्ना हजारे ने रविवार को दलित एवं मुस्लिम समुदाय की दो बच्चियों के हाथों जूस पीकर अपना अनशन समाप्त किया।

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