शुक्रवार, 3 जून 2011

भष्टरोग पर भारी हठयोग

-दुनिया भर के देशों से मिला बाबा रामदेव के अनशन को समर्थन
-भारत के आंदोलनों के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहे हैं बाबा रामदेव
सत्यजीत चौधरी
 बाबा रामदेव के भरष्टाचार और काले धन के खिलाफ मुहिम का शंखनाद हो चुका है। मुहिम को देशभर से करोड़ों की संख्या में समर्थन मिलने के साथ ही यह इतिहास के पन्नों में अपनी एक अलग वजह से दर्ज हो गया है। देश का पहला ऐसा आंदोलन है, जिसे देश ही नहीं दुनिया के 25 से ज्यादा देशों की जनता का पूर्ण समर्थन हासिल हो गया है। शनिवार से शुरू हुए अनशन को दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग तरीके से समर्थन हासिल हो गया।
   
न्यूयॉर्क में दो संगठनों ने बाबा रामदेव को समर्थन देने के लिए आंदोलन किया। न्यूयॉर्क के द फ्रेंड्स आॅफ इंडिया सोसाइटी आॅफ इंटरनेशनल और भारत सवाभिमान ओवरसीज की ओर से संयुक्त तौर पर जन आंदोलन के रूप में समर्थन दे दिया गया। शिकागो में भी रहने वाले भारतीयों ने बाबा रामदेव को अपना समर्थन दे दिया है। यूएसए के विभन्न शहरों से बाबा रामदेव को अनशन को पूर्ण समर्थन दे दिया गया है। इसके अलावा जापान, कनाड़ा, दुबई जैसे शहरों सहित तकरीबन 25 देशों में रहने वाले भारतीयों ने बाबा रामदेव को अपना समर्थन देकर भरष्टाचार और काला धन के खिलाफ एक नई जान फूंक दी है। बाबा के अनुयायी देश ही नहीं दुनियाभर में फैले हुए हैं जो कि लगातार योग क्रिया के माध्यम से उनसे जुड़े रहते हैं। बाबा के आहवान पर सभी  अनुयायी भी  एकमत होकर उनके समर्थन में आ गए हैं। फिर चाहे वह भारत में रहता हो या फिर किसी और देश में। बाबा का खुद कहना है कि योग एक ईमानदारी का काम है। इस योग के माध्यम से ही बाबा ने यह समर्थन हासिल किया है, जिसे वह सही मानते हैं। बाबा का यह भी  कहना है कि देश ही नहीं विदेशों से •ाी मिल रहा यह अपार समर्थन इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि जनता बदलाव चाहती है। भरष्टाचारियों को फांसी की सजा देने का समर्थन करने वाले बाबा रामदेव के इस आंदोलन को चारों ओर से मिल रहा समर्थन यह बयां कर रहा है कि यह आज का गांधी है, जो जिस ओर चल पड़ता है, उस ओर हजारों पग चल पड़ते हैं। 

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