बुधवार, 20 जुलाई 2011

किसानों का दर्द, अब bhattaparsaul.com पर

-कांग्रेस के सात नेताओं ने मिलकर लांच की वेबसाइट bhattaparsaul.com
-भट्टा परसौल की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ वर्चुअल जंग का ऐलान
-किसी भी  तरह से मामले को भूनाना चाहती है कांग्रेस, तेजी से जुड़ रहे हैं लोग
   सत्यजीत चौधरी, 
     25 मिलियन स्क्वायर मीटर की जमीन, उसकी उपज और उससे जुड़े किसानों से इतर विकास के नाम पर अधिग्रहण। किसानों का विरोध, लाठीचार्ज और गोलीबारी के बाद शुरू हुई राजनीति अब हर कदम आगे बढ़ती जा रही है। भले ही दूसरे राजनीतिक पार्टियों को किसानों के आंदोलन में ज्यादा रिस्पांस न मिला हो लेकिन कांग्रेस की ओर से लगातार इस मामले को भूनाने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस के युवराज की पैदल यात्रा और किसान महापंचायत के बाद अब कांग्रेस के सात नेताओं ने भट्टा परसौल नाम की एक विशेष वेबसाइट लांच कर दी है।
     देश और प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाला भट्टा आंदोलन, देश का पहला ऐसा किसान आंदोलन बन गया है, जिसके नाम से अब अपनी एक वेबसाइट तैयार की गई है। भट्टापरसौल डाट काम नाम की यह वेबसाइट कांग्रेस के सात नेताओं ने मिलकर बनाई है। इन्होंने आंदोलन के प्रति लोगों को जागरुक करने के इरादे से भट्टा पारसौल आंदोलन की वेबसाइट तैयार की है।भट्टा आंदोलन को लेकर कांग्रेस ही सबसे ज्यादा अभी  तक सक्रीय रही है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने खुद सामने आकर माया सरकार की सुरक्षा से इतर भट्टा गांव की यात्रा की। किसानों का विश्वास कायम हुआ तो जैसे कांग्रेस में एक नई ऊर्जा का संचार होने लगा। किसानों से मिल रहे समर्थन को देखते हुए भरी गर्मी में राहुल गांधी ने पैदल यात्रा कर अलीगढ़ में किसान महापंचायत का आयोजन किया। आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए तेजी से नए नए हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। अब यह पहला मौका है, जब किसी किसान आन्दोलन को मजबूत बनाने के लिए इन्टरनेट का सहारा लिया गया हो। यही नहीं, इसमें विशेष रूप से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को भी  चमकाने की कोशिश की गई हैं।
    इस वेबसाइट  पर किसानों सहित देशभर से काफी समर्थन मिल रहा है। विशेषतौर पर भट्टा गांव में होने वाले भूमि अधिग्रहण को लेकर सामने आ रही जटिलताओं और किसानों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर इस वेबसाइट पर काफी रिस्पांस देखने को मिल रहा है। खास बात यह भी  है कि वेबसाइट पर खुले सवाल •ाी पूछने का मौका दिया जा रहा है, जिसके तहत कोई भी  किसान न केवल जानकारी ले सकता है, बल्कि अपनी समस्याएं भी  खुले मंच में बता सकता है। एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि भट्टा के नाम पर हो रही मुश्किलात में किसानों का साथ बहुत आवश्यक है। इससे निपटने के लिए अगर इंटरनेट से भी  आगे किसी भी  चीज की आवश्यकता पड़ी तो वह भी  कांग्रेस की ओर से किया जाएगा।

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