बुधवार, 13 जुलाई 2011

कई फेर है इस फेरबदल मे ......

सत्यजीत चौधरी
    प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मंगलवार को आखिर बहुप्रतीक्षित कैबिनेट फेरबदल कर ही दिया। अलग—अलग वजहों से टलते आ रहे इस बदलाव में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की छाप और यूपी में अगले साल प्रस्तावित विधानस•ाा चुनाव का असर साफ देखा जा रहा है। तीसरी बड़ी खासियत जो दिखी, वह थी गठबंधन धर्म का निर्वहन। ताजा फेरबदल से मनमोहन की टीम में तीन नए कैबिनेट मंत्री, चार स्वतंत्र राज्य मंत्री और पांच राज्य मंत्री शामिल किए गए हैं। शाम को राष्टÑपति डॉ. प्रति•ाा पाटिल ने स•ाी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

        कैबिनेट रैंक में दो नए चेहरे नजर आएंगे। एक हैं तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, जिन्हें रेल मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है और दूसरे हैं कांग्रेस के वी. किशोर चंद्र देव। इन्हें आदिवासी मामलों और पंचायती राज का महकमा दिया गया है। मंत्रिमंडल में शामिल अन्य नए चेहरों में जयंती नटराजन (पर्यावरण व वन), डिब्रूगढ़ के सांसद पवन सिंह घाटोवार (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास वि•ााग), तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय (स्वास्थ्य अर परिवार कल्याण), अलवर के सांसद जितेंद सिंह (गृह), मिलिंद देवड़ा (संचार व सूचना एवं प्रौद्यगिकी) और राजीव शुक्ला (संसदीय मामले) शामिल हैं।  
    मुरली देवड़ा, एमएस गिल, बीके हांडिक, अरुण यादव, एस. प्रताप और कांतिलाल •ाूरिया को ड्राप कर दिया गया है। इस फेरबदल के तहत जयराम रमेश से उनका पसंदीदा पर्यावरण और वन वि•ााग लेकर जयंती नटराजन को सौंप दिया गया है। रमेश अब कैबिनेट मंत्री के रूप में ग्रामीण विकास का काम देखेंगे। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने से खाली हुआ रेल मंत्रालय तृणमूल कांग्रेस के पास ही रह गया है। दिनेश त्रिवेदी नए रेल मंत्री होंगे। प्रधामंत्री की नाफरमानी कर असम में रेल दुर्घटनास्थल पर जाने से इनकार करने वाले रेल राज्य मंत्री मुकुल राय को इस फेरबदल में शिपिंग जैसे महकमे तक सीमित रखा गया है।  यहां प्रधानमंत्री ने गठजोड़ के धर्म को प्राथमिकता दी। यह हरकत कांग्रेस के किसी मंत्री ने की होती तो अब तक वह कैबिनेट से बाहर खड़ा नजर आता। 
     उत्तर प्रदेश मिनश 2012 को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने स्वतंत्र प्र•ाार वाले इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है। यही नहीं, सलमान खुर्शीद के कद में •ाी इजाफा किया गया। उन्हें कैबिनेट दर्जे के साथ कानून मंत्रालय सौंपा गया है। साथ में वह अल्पसंख्यक मामलात •ाी देखेंगे। कानून मंत्री का काम देख रहे वीरप्पा मोइली कंपनी मामलों के कैबिनेट मंत्री होंगे। 
सूत्रों पर विश्वास करें तो अच्छे परफार्मेंस की वजह से जयराम रमेश को प्रमोट कर कैबिनेट में लाया गया है। उन्हें ग्रामीण विकास का जिम्मा सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि व्यवस्थित ढंग और अनुशासन से काम करने और करवाने के आदी रमेश का चुनाव इस लिए किया गया है, क्योंकि सरकार आने वाले दिनों में खेती—किसानी से जुड़ी कई योजनाएं लाने पर विचार कर रही है। मनमोहन सिंह को लगता है कि लगनशील जयराम रमेश इस काम बखूबी अंजाम देंगे। 
   अब तक ग्रामीण मंत्रालय देख रहे विलास राव दोमुख को विज्ञान, प्रौद्यगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में •ोजा गया है। हाल के दिनों में सरकार के लिए संकट मोचक की •ाूमिका अदा करने वाले पवन कुमार बंसल को जल संसाधन मंत्रालय का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा गया है। 
     कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन और पबन सिंह घाटोवर को स्वतंत्र प्र•ाार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया है। जयंती नटराजन को पर्यावरण मंत्रालय दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस के चरण दास महंत, जीतेंद सिंह, मिलिंद देवड़ा और राजीव शुक्ला को राज्य मंत्री बनाया गया है। दयानिधि मारन और मुरली देवड़ा के इस्तीफे राष्टÑपति के पास मंजूरी के लिए •ोज दिए गए  हैं।

नजर यूपी असेंबली चुनाव पर भी
     फेरबदल की इस पूरी कवायद में उत्तर प्रदेश के चुनाव का पूरा ख्याल रखा गया है। इस्पात राज्य मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को कैबिनेट रैंक के दर्जे से नवाजा गया है। कभी पत्रकार रहे राजीव शुक्ला को पहली बार मंत्री बनाया गया है। उन्हें संसदीय मामलों का राज्य मंत्री बनाया गया है। राजीव को कैबिनेट में लाकर सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। राजीव की जड़े उत्तर प्रदेश में हैं। जाहिर है चुनाव में उनका भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। कांग्रेस से बिदके ब्राह्मण वोट बैंक को जोड़ने का काम करेंगे। 13 सितंबर, 1959 को कानपुर में जन्मे राजीव शुक्ला को •ाारतीय राजनीति में लाने का श्रेय दिवंगत प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को जाता है। अब वह राहुल गांधी के करीब हैं। राजीव के दूसरे दलों में •ाी अच्छे रिश्ते हैं। इसका •ाी ला•ा सरकार और पार्टी को मिलेगा। परमोशन कर कानून मंत्री बनाए गए सलमान खुर्दीद भी राहुल गांधी की गुडबुक में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग है। यूपी के मुसलमानों को रिझाने के लिए •ाी सलमान का कद बढ़ाया गया है।

दो मंत्री नहीं पहुंचे शपथ लेने
     देश के संसदीय इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ है, जब नाराजगी की वजह से किसी मंत्री ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है। दो मंत्री गुरुदास कामत और श्रीकांत जेना ओथ सेरेमनी में पहुंचे ही नहीं। बताया जा रहा है कि दोनों फेरबदल के बाद दिए गए वि•ााग से संतुष्ट नहीं थे। इनमें से गुरदास कामत ने तो मुंबई की फ्लाइट पकड़ ली। बताया जा रहा है कि कामत से संचार मंत्रालय लेकर उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा को दे दिया गया। उन्हें गृह मंत्रालय से भी अलग कर दिया गया। इसके बदले कामत को नए आकार दिए गए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभर दिया गया है, जबकि कामत कैबिनेट रैंक चाहते थे। इसके अलावा उन्हें नया मंत्रालय भी गैर महत्वपूर्ण लग रहा है। वह इसे अपना डिमोशन मान रहे हैं। श्रीकांत जेना भी कैबिनेट रैंक चाहते थे। मगर, स्वतंत्र प्रभर के साथ राज्य मंत्री बनाया जाना उन्हें रास नहीं आया। श्रीकांत जेना वीपी सिंंह और एचडी देवगौड़ा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। जैना जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं और समझा जा सकता है कि कांग्रेस का अनुशासन उनकी रगों में उतना हिलोरी नहीं मार रहा होगा, जितना खांटी कांग्रेसी गुरदास कामत का।      

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