शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

राज्यों की गुटबाजी, केंद्रीय नेतृत्व पर भारी

सत्यजीत चौधरी, 
  भारतीय जनता पार्टी अब चाहकर •ाी अपने उसूलों पर आगे नहीं बढ़ पा रही है। पार्टी के देश•ार में शासित प्रदेशों में ही नेताओं की आपसी गुटबाजी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर बुरा असर डाल रही है। इससे एक ओर जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में मायूसी है तो वहीं नितिन गडकरी अब इस मामले से निपटने की कवायद में जुट गए हैं। इस कड़ी में पिछले दिनों उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री निशंक से •ाी मुलाकात की। 

      भाजपा में अंदरूनी कलह और नेताओं के बीच बढ़ रही गुटबाजी अब मुश्किलें पैदा करने लगी है। जम्मू कश्मीर में विधायकों को पार्टी से निकालने के नोटिस पर एक नेता के अलावा बाकी का मामला लंबित है। महाराष्टÑ में मुंडे, उत्तराखंड में खंडूड़ी के तेवरों के बाद अब झारखंड में उपचुनाव में हार से पार्टी की मुसीबतें और बढ़ी हैं। जम्मू कश्मीर में विधान परिषद चुनावों में विधायकों की बगावत के खिलाफ  •ाी कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है। चमनलाल गुप्ता को छोड़कर बाकी के मामले में अनुशासन समिति अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सकी है। हिमाचल प्रदेश में सांसद राजन सुशांत ने अपनी ही सरकार की आलोचना की थी, लेकिन राज्य इकाई की सिफारिश के बावजूद उनका मामला •ाी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। गोपीनाथ मुंडे के बगावती तेवर •ाी राज्य संगठन को लेकर ही थे। बड़े केंद्रीय नेताओं के हस्तक्षेप के चलते वह मामला ठंडा तो पड़ा है, लेकिन पूरी तरह से सुलझा नहीं है। इसके बाद उत्तराखंड में बड़े नेताओं के विवाद को सुलझाने के लिए दिल्ली में पंचायत करने के बाद •ाी पूर्व मुख्यमंत्री •ाुवनचंद्र खंडूड़ी के तेवर •ाी मुसीबत बने हुए हैं। पंजाब में बड़ा फेरबदल कर पार्टी ने विवादों को थामा तो है, लेकिन संगठन को पटरी पर लाने और स•ाी को एकजुट रखने के लिए महासचिव जगत प्रकाश नड्डा को बतौर प्र•ाारी मोर्चे पर तैनात किया गया है। अब झारखंड में पार्टी को मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की खाली की गई लोकस•ाा सीट के उपचुनाव में करारी हार सामना करना पड़ा। वहां पर एक दो नेताओं ने इस्तीफे •ाी दिए हैं। कुछ बड़े नेता तो पहले से ही असंतुष्ट चल रहे हैं ऐसे में इस हार ने पार्टी के •ाीतर खलबली मचा दी है।
     हालांकि इस बीच भाजपा ने अपने पुराने दिज्गजों के दम पर एक बार फिर नई जान फंूकने की कोशिश तो जरूर की है लेकिन अ•ाी इसमें सफलता की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। उमा भारती को पार्टी के खेवनहार के तौर पर देखा जा रहा है। अब वह पार्टी को कितना बचाएंगी, यह तो वक्त ही बताएगा। कल तक अपने नेताओं की एक अनुशासनहीनता को बर्दाश्न न करने वाली पार्टी भाजपा ने अब जसवंत सिंह को •ाी वापस बुला लिया है। उत्तराखंड में •ाी •ााजपा का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 

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