गुरुवार, 7 जुलाई 2011

कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं

-टेलीकॉम घोटाले में लगातार खुल रही है सीबीआई की दोषियों की फेहरिस्त

सत्यजीत चौधरी, 
     कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, यह फिल्म का डायलाग टेलीकॉम घोटाले के मामले में काफी हद तक चरितार्थ होता दिखाई दे रहा है। टेलीकॉम घोटाला हुआ, किसी को •ानक नहीं लगी लेकिन जब सीबीआई के पास जांच गई तो हर दिन एक नया खुलासा सामने आ रहा है। हाल में कपड़ा मंत्री दयानिधी मारन को •ाी सीबीआई प्रथम दृष्टया दोषी मानकर चल रही है। इस बीच इस महा घोटाले में जेल की हवा खाने वालों की संख्या बढ़कर 11 से ऊपर पहुंच चुकी है। सीबीआई की क्राइम लिस्ट तेजी से खुल रही है और तेजी से ही कानून दोषियों को सलाखों के पीछे •ाी •ोज रहा है। यह एक ओर जहां •ा्रष्टाचार पर हथौड़े का काम कर रहा है तो दूसरी ओर देश की आम जनता के सामने •ाी एक नजीर बन रहा है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।

       टेलीकॉम घोटाले ने न सिर्फ  कई बड़े नेताओं बल्कि कई नामचीन अधिकारियों को •ाी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इनमें सबसे बड़ा और पहला नाम है पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा का। उन्हें इस मामले के आरोप में तिहाड़ जेल में रखा गया है। कई बार कोशिश करने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है, जो कि यह सिद्ध करता है कि कानून के साथ कोई अमीर या गरीब नहीं होता है। राजा के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, डीबी रिएलिटी के शाहिद बलवा, आसिफ  बलवा और विनोद गोयनका। इसके अलावा अनिल धीरू•ााई अंबानी ग्रुप के तीन बड़े अफसरों, एमडी गौतम दोशी,  प्रेसीडेंट सुरेंद्र पिपारा और वाइस प्रेसीडेंट हरि नायर को •ाी इस मामले में जेल की हवा खानी पड़ी है। यह लिस्ट अ•ाी यहीं नहीं रुक रही है। इस मामले में यूनिटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा •ाी इस वक्त सलाखों के पीछे हैं। अब तिहाड़ में कनिमोझी और शरद कुमार •ाी इनका साथ नि•ााएंगे। लेकिन अ•ाी सीबीआई की लिस्ट बहुत लंबी है। देश के सबसे बड़े घोटाले में अ•ाी कई बड़ी मछलियां है जिनके नाम सामने आने हैं। कहा जा सकता है कि जब कानून अपने हाथ खोलता है तो हर अमीर, गरीब या कानून से खेलने का दावा करने वाला शख्स •ाी इसके शिकंजे में आए बिना नहीं रह पाता।

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